दो वर्षीय बीटीसी कर चुके शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के सम्बन्ध में एनसीटीई का स्पष्टीकरण पत्र जारी : क्लिक कर देखें |
टीम वर्क-आप सब अवगत हैं कि
शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 12 सितम्बर को लेकर विगत 01 अक्टूबर 2015 को उ0प्र0 के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, नई दिल्ली को शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में छूट को लेकर एक पत्र लिखा गया था।
कल के दिनांक 26 अक्टूबर को हस्ताक्षरित तथा आज दिनांक 27 अक्टूबर 2015 को जारी इस पत्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने में निम्न बातों का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को सूचित किया है:-
1~ इस पत्र के द्वितीय खण्ड में परिषद ने विभिन्न पत्रो व सरकारी गजट का उल्लेख करते हुए कहा है कि परिषद को ही शिक्षा के अधिकार 2009 के अनुसार कक्षा एक से लेकर आठ तक के शिक्षको की अकादमिक योग्यताएं निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है जिसे 25 अगस्त 2010 को एक अधिसूचना जारी करके अधिसूचित कर दिया गया है।
इसके बाद परिषद ने कक्षा एक से आठ तक शिक्षको की योग्यताओं का विवरण विभिन्न उपखण्डों के माध्यम से सूचित किया है। साथ साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा के बारे में कहा है कि परिषद द्वारा दिशा निर्देशित उपयुक्त सरकार इस परीक्षा को आयोजित करा सकती है जो एक शिक्षक बनने के लिए आवश्यक है।
2~ आगे के उपखण्ड II में शिक्षक बनने के लिए डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का उल्लेख परिषद ने अपने पत्र में किया है।
3~ उपखण्ड III में किसी भी व्यक्ति के शिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षण की बात की गयी है।परिषद ने स्पष्ट किया है कि बीएड डिग्री धारक जिन्होंने स्नातक में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों दिनांक 01 जनवरी 2012 तक कक्षा एक से पांच तक की कक्षाओ को पढ़ाने के लिए योग्य होंगे जिन्हें 06 महीने का प्रारंभिक शिक्षा में विशेष प्रोग्राम उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। साथ डी एड (विशेष शिक्षा) तथा बीएड (विशेष शिक्षा) को सम्मिलित करने की बात की गयी है।
4~ उपखण्ड IV में परिषद का कहना है कि 25 अगस्त 2010 की अधिसूचना जारी होने से पहले कार्यरत शिक्षको को न्यूनतम योग्यताओं में छूट जिसमे शिक्षक पात्रता परीक्षा भी शामिल है, लागू होगी।
5~ इस पत्र के तृतीय खण्ड में परिषद स्पष्ट करती है कि एक शिक्षक जो परिषद द्वारा 25 अगस्त 2010 से पूर्व चयनित हुए हैं को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने के कारण न्यूनतम योग्यताओं को हासिल करने का समय 5 वर्ष होगा जो 31 मार्च 2015 तक होगा।
6~ आगे खण्ड 4 में उ0प्र0 में शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को लेकर बात की गयी है।आप सब अवगत हैं कि 124000 शिक्षामित्रों(अप्रशिक्षित शिक्षक) की दूरस्थ विधि से 2 वर्ष के डी एल एड की अनुमति परिषद ने उ0प्र0 सरकार को जनवरी 2011 में शर्तों को पूरा करते हुए प्रदान की थी।
7~ अंतिम खंड 5 में परिषद और स्पष्ट करती है कि जहाँ तक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बात है तो 25 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षक जो अनवरत सेवा में रहे हों, उन पर शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता नहीं होगी। परन्तु जो शिक्षक 25 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त हुए हों और अनवरत सेवा में रहें हों, को शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा।
आगे परिषद जोड़ती है कि
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने 8.11.2010 के पत्र द्वारा समस्त राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों को अवगत कराया था कि केंद्र सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता से छूट नहीं देगी क्योंकि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना न्यूनतम योग्यता का एक आवश्यक बिन्दु है इसलिये शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता का पालन करना चाहिए।
शिक्षामित्रों के बारे में आगे परिषद यह साफ साफ कहती है कि इन अप्रशिक्षित शिक्षकों (शिक्षा मित्रों) की नियुक्ति को सही ढंग एवं सही प्रकृति से करने का उत्तरदायित्व केवल राज्य सरकार को है।
धन्यवाद |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEijoJHFRadgiJ2wcHK4EkhfZ6H4qDnR22WrcG1lwLnKcnKLLiwMK85mcOXJkRKTm0pm8JIANl0a2uskubMQGCyNW-4yqHBg3hwA3qelV_ex3Sp1QaO584WXLrHkxp8DYV4Isr7BU3CN_fvZ/s640/IMG_20151027_225547.jpg)
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टीम वर्क-आप सब अवगत हैं कि
शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 12 सितम्बर को लेकर विगत 01 अक्टूबर 2015 को उ0प्र0 के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, नई दिल्ली को शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में छूट को लेकर एक पत्र लिखा गया था।
कल के दिनांक 26 अक्टूबर को हस्ताक्षरित तथा आज दिनांक 27 अक्टूबर 2015 को जारी इस पत्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने में निम्न बातों का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को सूचित किया है:-
1~ इस पत्र के द्वितीय खण्ड में परिषद ने विभिन्न पत्रो व सरकारी गजट का उल्लेख करते हुए कहा है कि परिषद को ही शिक्षा के अधिकार 2009 के अनुसार कक्षा एक से लेकर आठ तक के शिक्षको की अकादमिक योग्यताएं निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है जिसे 25 अगस्त 2010 को एक अधिसूचना जारी करके अधिसूचित कर दिया गया है।
इसके बाद परिषद ने कक्षा एक से आठ तक शिक्षको की योग्यताओं का विवरण विभिन्न उपखण्डों के माध्यम से सूचित किया है। साथ साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा के बारे में कहा है कि परिषद द्वारा दिशा निर्देशित उपयुक्त सरकार इस परीक्षा को आयोजित करा सकती है जो एक शिक्षक बनने के लिए आवश्यक है।
2~ आगे के उपखण्ड II में शिक्षक बनने के लिए डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का उल्लेख परिषद ने अपने पत्र में किया है।
3~ उपखण्ड III में किसी भी व्यक्ति के शिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षण की बात की गयी है।परिषद ने स्पष्ट किया है कि बीएड डिग्री धारक जिन्होंने स्नातक में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों दिनांक 01 जनवरी 2012 तक कक्षा एक से पांच तक की कक्षाओ को पढ़ाने के लिए योग्य होंगे जिन्हें 06 महीने का प्रारंभिक शिक्षा में विशेष प्रोग्राम उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। साथ डी एड (विशेष शिक्षा) तथा बीएड (विशेष शिक्षा) को सम्मिलित करने की बात की गयी है।
4~ उपखण्ड IV में परिषद का कहना है कि 25 अगस्त 2010 की अधिसूचना जारी होने से पहले कार्यरत शिक्षको को न्यूनतम योग्यताओं में छूट जिसमे शिक्षक पात्रता परीक्षा भी शामिल है, लागू होगी।
5~ इस पत्र के तृतीय खण्ड में परिषद स्पष्ट करती है कि एक शिक्षक जो परिषद द्वारा 25 अगस्त 2010 से पूर्व चयनित हुए हैं को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने के कारण न्यूनतम योग्यताओं को हासिल करने का समय 5 वर्ष होगा जो 31 मार्च 2015 तक होगा।
6~ आगे खण्ड 4 में उ0प्र0 में शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को लेकर बात की गयी है।आप सब अवगत हैं कि 124000 शिक्षामित्रों(अप्रशिक्षित शिक्षक) की दूरस्थ विधि से 2 वर्ष के डी एल एड की अनुमति परिषद ने उ0प्र0 सरकार को जनवरी 2011 में शर्तों को पूरा करते हुए प्रदान की थी।
7~ अंतिम खंड 5 में परिषद और स्पष्ट करती है कि जहाँ तक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बात है तो 25 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षक जो अनवरत सेवा में रहे हों, उन पर शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता नहीं होगी। परन्तु जो शिक्षक 25 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त हुए हों और अनवरत सेवा में रहें हों, को शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा।
आगे परिषद जोड़ती है कि
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने 8.11.2010 के पत्र द्वारा समस्त राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों को अवगत कराया था कि केंद्र सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता से छूट नहीं देगी क्योंकि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना न्यूनतम योग्यता का एक आवश्यक बिन्दु है इसलिये शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता का पालन करना चाहिए।
शिक्षामित्रों के बारे में आगे परिषद यह साफ साफ कहती है कि इन अप्रशिक्षित शिक्षकों (शिक्षा मित्रों) की नियुक्ति को सही ढंग एवं सही प्रकृति से करने का उत्तरदायित्व केवल राज्य सरकार को है।
धन्यवाद |