Thursday, October 29, 2015

दो वर्षीय बीटीसी कर चुके शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के सम्बन्ध में एनसीटीई का स्पष्टीकरण पत्र जारी : क्लिक कर देखें |

दो वर्षीय बीटीसी कर चुके शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट देने के सम्बन्ध में एनसीटीई का स्पष्टीकरण पत्र जारी : क्लिक कर देखें |

 

 

 

टीम वर्क-आप सब अवगत हैं कि

शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर मा0 उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 12 सितम्बर को लेकर विगत 01 अक्टूबर 2015 को उ0प्र0 के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, नई दिल्ली को शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में छूट को लेकर एक पत्र लिखा गया था।

कल के दिनांक 26 अक्टूबर को हस्ताक्षरित तथा आज दिनांक 27 अक्टूबर 2015 को जारी इस पत्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने में निम्न बातों का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को सूचित किया है:-

1~ इस पत्र के द्वितीय खण्ड में परिषद ने विभिन्न पत्रो व सरकारी गजट का उल्लेख करते हुए कहा है कि परिषद को ही शिक्षा के अधिकार 2009 के अनुसार कक्षा एक से लेकर आठ तक के शिक्षको की अकादमिक योग्यताएं निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है जिसे 25 अगस्त 2010 को एक अधिसूचना जारी करके अधिसूचित कर दिया गया है।

इसके बाद परिषद ने कक्षा एक से आठ तक शिक्षको की योग्यताओं का विवरण विभिन्न उपखण्डों के माध्यम से सूचित किया है। साथ साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा के बारे में कहा है कि परिषद द्वारा दिशा निर्देशित उपयुक्त सरकार इस परीक्षा को आयोजित करा सकती है जो एक शिक्षक बनने के लिए आवश्यक है।

2~  आगे के उपखण्ड II में शिक्षक बनने के लिए डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का उल्लेख परिषद ने अपने पत्र में किया है।

3~ उपखण्ड III में किसी भी व्यक्ति के शिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षण की बात की गयी है।परिषद ने स्पष्ट किया है कि बीएड डिग्री धारक जिन्होंने स्नातक में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों दिनांक 01 जनवरी 2012 तक कक्षा एक से पांच तक की कक्षाओ को पढ़ाने के लिए योग्य होंगे जिन्हें 06 महीने का प्रारंभिक शिक्षा में विशेष प्रोग्राम उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। साथ डी एड (विशेष शिक्षा) तथा बीएड (विशेष शिक्षा) को सम्मिलित करने की बात की गयी है।

4~ उपखण्ड IV में परिषद का कहना है कि 25 अगस्त 2010 की अधिसूचना जारी होने से पहले कार्यरत शिक्षको को न्यूनतम योग्यताओं में छूट जिसमे शिक्षक पात्रता परीक्षा भी शामिल है, लागू होगी।

5~  इस पत्र के तृतीय खण्ड में परिषद स्पष्ट करती है कि  एक शिक्षक जो परिषद द्वारा 25 अगस्त 2010 से पूर्व चयनित हुए हैं को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009  लागू होने के कारण न्यूनतम योग्यताओं को हासिल करने का समय 5 वर्ष होगा जो 31 मार्च 2015 तक होगा।

6~ आगे खण्ड 4 में उ0प्र0 में शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को लेकर बात की गयी है।आप सब अवगत हैं कि 124000 शिक्षामित्रों(अप्रशिक्षित शिक्षक) की दूरस्थ विधि से 2 वर्ष के डी एल एड की अनुमति परिषद ने उ0प्र0 सरकार को जनवरी 2011 में शर्तों को पूरा करते हुए प्रदान की थी।

7~  अंतिम खंड 5 में परिषद और स्पष्ट करती है कि जहाँ तक  शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बात है तो 25 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षक जो अनवरत सेवा में रहे हों, उन पर शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता नहीं होगी। परन्तु जो शिक्षक 25 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त हुए हों और अनवरत सेवा में रहें हों, को शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा।

आगे परिषद जोड़ती है कि

मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने 8.11.2010 के पत्र द्वारा समस्त राज्य सरकारों व केंद्र शासित  प्रदेशों को अवगत कराया था कि केंद्र सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता से छूट नहीं देगी क्योंकि शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना न्यूनतम योग्यता का एक आवश्यक बिन्दु है इसलिये शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता का पालन करना चाहिए।

शिक्षामित्रों के बारे में आगे परिषद यह साफ साफ कहती है कि इन अप्रशिक्षित शिक्षकों (शिक्षा मित्रों) की नियुक्ति को सही ढंग एवं सही प्रकृति से करने का उत्तरदायित्व केवल राज्य सरकार को है।
धन्यवाद |

Wednesday, October 21, 2015

23 और 24 को सांसद श्री श्यमचरण जी भी धरने में पहुँचने का दिय आश्वाशन

माननीय सांसद जी को दिया गया ज्ञापन
          मा०सांसद इलाहाबाद श्री श्यामाचरण गुप्त जी (भाजपा) को इलाहाबाद के अनुदेशकों के दर्द को समझाते जिलाध्यक्ष भोला नाथ पाण्डेय जी।मा० सांसद जी ने HRD मन्त्री श्रीमती स्मृति इरानी जी को पत्र लिखकर अनुदेशकों की समस्याओं का निदान करने का अनुरोध किया और धरने के पहले दिन अर्थात 23 नवम्बर को जंतर मंतर पर आकर अनुदेशकों के धरने को समर्थन देने का वादा किया।इस मौके पर जिला कार्यकारिणी से वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश प्रताप, कोषाध्यक्ष दिलीप सिंह, महामंत्री सुनील शुक्ल, महासचिव राजेश कुशवाहा, मीडिया प्रभारी संदीप सिंह, संयोजक विभा सरोज, सीता कुशवाहा, प्रीती सिंह व नीरा सरोज।
जय अनुदेशक परिवार
भोला नाथ पाण्डेय
जिलाध्यक्ष इलाहाबाद
9936451852

शिक्षामित्रों को मिलेगी tet से छूट ncte ने जारी किया आदेश

शिक्षामित्रों को मिलेगी tet से छूट ncte ने जारी किया आदेश

Saturday, October 17, 2015

नियमित चयन से ही भरे जांए सरकारी पद : कोर्ट ने कहा अनच्छेदु 14 एवं 16 के विपरीत नियुक्ति प्रक्रिया नहीं अपनायी जा सकती-इलाहाबाद हाइकोर्ट

नियमित चयन से ही भरे जांए सरकारी पद : कोर्ट ने कहा अनच्छेदु 14 एवं 16 के विपरीत नियुक्ति प्रक्रिया नहीं अपनायी जा सकती-इलाहाबाद हाइकोर्ट
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिना पद विज्ञापित किए हाई कोर्ट में कार्यरत तदर्थ रूटीन ग्रेड क्लर्कों को नियमित करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि तदर्थ कर्मचारियों को पद पर बने रहने का वैधानिक अधिकार नहीं है। यह आदेश जस्टिस राकेश तिवारी और जस्टिस अताउर्रहमान मसूदी की खंडपीठ ने अजय कुमार मिश्र और अन्य की याचिका पर दिया है। 

कोर्ट ने साफ किया है कि नियमित रूप से चयन प्रक्रिया के तहत चयनित कर्मचारियों के कार्यभार ग्रहण करते ही तदर्थ लिपिकों की सेवा समाप्त हो जाएगी। हालांकि कोर्ट ने तदर्थ कर्मियों को आयुसीमा में छूट देते हुए भविष्य में होने वाली चयन प्रक्रिया में शामिल होने का एक अवसर दिया है। 

कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 16 के विपरीत नियुक्ति नहीं हो सकती। अनुच्छेद 229 के तहत चीफ जस्टिस का अधिकार अनुच्छेद 13 के प्रतिकूल नहीं हो सकता। इसलिए बिना पद विज्ञापित किए लोक पदों पर भर्ती नहीं की जा सकती।
नियमित चयन से ही भरे जांए सरकारी पद : कोर्ट ने कहा अनच्छेदु 14 एवं 16 के विपरीत नियुक्ति प्रक्रिया नहीं अपनायी जा सकती-इलाहाबाद हाइकोर्ट

लाखों शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए खुश खबरी, उनके तबादले होंगे फरवरी-2016

तीन लाख शिक्षक-शिक्षिकाओं को मिलेगा लाभ
परिषदीय विद्यालयों का नया सत्र एक अप्रैल से
इलाहाबाद (एसएनबी)। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के लाखों शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए खुश खबरी है कि उनके तबादले फरवरी-2016 में होंगे। इसमें अंतर जनपदीय और ब्लाक स्तर के शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले शामिल है क्योंकि परिषदीय विद्यालयों का नया सत्र एक अप्रैल 2016 से शुरूहोने जा रहा है। इसके पूर्वपरिषदीय विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले उनके मन माफिक जिलों में हो जाएगा।अंतर जनपदीय तबादलों के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं से जनवरी में आनलाइन आवेदन लिया जायेगा जबकि ब्लाक स्तर के शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले के लिए खण्डशिक्षाधिकारी स्तर पर आवेदन लेकर बीएसए करेंगे।इन तबादलों से करीब दो लाख से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं को लाभ होगा जो परेशान होकर प्रदेश सरकार और सचिव बेसिक शिक्षा के कार्यालय का लंबे समय से चक्कर लगा रहे है लेकिन उनकी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में दो वर्षसे शिक्षक-शिक्षिकाओं के अंतर जनपदीय तबादले नहीं हुए है।जबकि इस वर्षतबादलों से पूर्व बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों का परिषदीय विद्यालयों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन हो रहा था।इससे अंतर जनपदीय तबादलों को शासन स्तर से मंजूरी नहीं मिली।ब्लाक स्तर के तबादलों के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं से संबंधित जिलों के बीएसए ने आवेदन लिया था लेकिन इसी दौरान हाईकोर्ट इलाहाबाद ने पौने दो लाख शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर हुए समायोजन को निरस्त कर दिया।इससे परिषदीय विद्यालयों से शिक्षामित्र हटकर आंदोलन शुरूकर दिया।ऐसे में प्रदेश सरकार ने ब्लाक स्तर पर होने वाले तबादलों की प्रक्रिया को निरस्त कर दिया।
शासन के सूत्रों ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादलों के लिए दिसम्बर के अन्तिम हफ्ते तक विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया जायेगा।इसमें बीमार, विकलांग, सेना के परिजन सहित अन्य को तबादले के दौरान वरीयता दी जायेगी।अगर पति और पत्नी अलग-अलग जिलों में शिक्षक-शिक्षिकाएं होंगे तो उनका भी एक जिले में तबादला होगा।

Friday, October 16, 2015

छठीं विद्यालय स्तरीय पेन्टिंग प्रतियोगिता -2015' के सम्बन्ध में आदेश जारी







केजीबीवी के पार्ट टाइम शिक्षकों का बढ़ेगा वेतन, केंद्रीय सचिव ने राज्य सरकार से मांगी राय, वर्ष 2014 से पहले की बहाल होगी व्यवस्था

केजीबीवी के पार्ट टाइम शिक्षकों का बढ़ेगा वेतन, केंद्रीय सचिव ने राज्य सरकार से मांगी राय, वर्ष 2014 से पहले की बहाल होगी व्यवस्था


लखनऊ। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में कार्यरत पार्ट टाइम शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की तैयारी है। केंद्र सरकार ने मार्च 2014 में इन शिक्षकों का वेतन अपने स्तर पर निर्धारित किया था। इससे उन्हें 7200 के स्थान पर 5000 मिलने लगा। केजीबीवी शिक्षक शिक्षणेतर यूनियन ऑफ इंडिया ने इसका जमकर विरोध किया और राज्य व केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखा। अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की निदेशक डॉ. मीनाक्षी जोली ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर पूछा है कि केजीवीबी के इन शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मियों के वेतन निर्धारण में क्यों न पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी जाए।
सूबे में 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हैं। यहां फुल व पार्ट टाइम टीचर, उर्दू टीचर पार्ट टाइम के साथ अन्य कर्मचारी रखे गए हैं। वर्ष 2008 से लेकर मार्च 2014 से पहले तक वेतन निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार के पास था। इसके आधार पर फुल टाइम टीचरों को 9,000, पार्ट टाइम व उर्दू टीचरों को 72,00 रुपये मिलते थे, लेकिन 24 मार्च 2014 को केंद्र सरकार ने जब वेतन का निर्धारण किया तो फुल टाइम टीचरों को 20,000 और पार्ट टाइम टीचरों को 5000 वेतन मिलने लगा।
केंद्र का पत्र मिलने के बाद गुरुवार को केजीबीवी शिक्षक शिक्षणेतर यूनियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल कुमार बंसल ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिंपल वर्मा से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उन्होंने केंद्र सरकार के पत्र के आधार पर वेतन निर्धारण की पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की है।

प्रदेश में सरकारी विद्यालयों/परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाली किशोरियों (कक्षा 6 से 12 तक) को नि:शुल्क सेनेटरी नैपकिन्स वितरण हेतु ''किशोरी सुरक्षा योजना'' के क्रियान्वयन के सम्बन्ध‍ में दिशा-निर्देश जारी |

 
चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ विभाग / चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ अनु-9 48/2015/1393/पॉच-9-2015-9(178)/11
प्रदेश में सरकारी विद्यालयों/परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाली किशोरियों (कक्षा 6 से 12 तक) को नि:शुल्क सेनेटरी नैपकिन्स वितरण हेतु ''किशोरी सुरक्षा योजना'' के क्रियान्वयन के सम्बन्ध‍ में दिशा-निर्देश जारी |

124 स्कूलों की रैली में स्वल्पाहार व स्टेशनरी से संबंधित बिल बाउचर के भुगतान में अनियमितता | बीएसए फर्रुखाबाद निलम्बित ।

124 स्कूलों की रैली में स्वल्पाहार व स्टेशनरी से संबंधित बिल बाउचर के भुगतान में अनियमितता | बीएसए फर्रुखाबाद निलम्बित ।


फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : बेसिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की छात्राओं के शैक्षिक भ्रमण की धनराशि में घपले व स्कूल चलो अभियान की रैली में वित्तीय अनियमितता सहित कई मामलों में गड़बड़ी में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज सिंह को निलंबित कर दिया है।

प्रमुख सचिव द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि जिले में संचालित पांच कस्तूरबा विद्यालयों की छात्राओं के शैक्षिक भ्रमण के नाम पर दो लाख 21 हजार 78 रुपये व्यय किए जाने में गड़बड़ी की गयी है। 31 मार्च को स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत 124 स्कूलों की रैली में स्वल्पाहार व स्टेशनरी से संबंधित बिल बाउचर के भुगतान में अनियमितता बरती गयी।

  जिले में योगदान किए जाने के बाद अपूर्ण भवन निर्माणों को पूरा कराए जाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी। निर्माण प्रभारियों से सांठगांठ की गयी। जिला समंवयक समेकित शिक्षा राजेश वर्मा को कस्तूरबा विद्यालयों, एमडीएम व अन्य कई कार्य जान बूझकर दिए गए। प्रमुख सचिव ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक कानपुर मंडल को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। 

जिलाधिकारी एसके सिंह ने बताया कि निलंबन आदेश प्राप्त हो गया है। ज्ञातव्य है कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के टूर में घपले का मामला दैनिक जागरण द्वारा प्रमुखता से उठाया गया था। मंडलीय उपशिक्षा निदेशक बेसिक को मामले की जांच में घपले की पुष्टि हुई थी। जिलाधिकारी द्वारा करायी गयी जांच में भी गड़बड़ी पायी गयी थी।