*सभी साथियों को नमस्कार.....(तीसरा दिन)*
*मित्रों आज धरने का तीसरा दिन रहा।जब से शासन और प्रशासन को संगठन ने सामूहिक आत्मदाह की खुली चेतावनी दे दिया है तबसे प्रशासन में पूरी तरह से खलबली मच गयी है।प्रशासन के उच्चाधिकारी लगातार सम्पर्क बनाए हुए हैं।*
इसी दबाव के कारण आज प्रशासन के अधिकारी निदेशक, राज्य परियोजना निदेशालय से मिलाने के लिए ले जाना चाहते थे लेकिन उनको इसके लिए साफ-साफ मना कर दिया गया कि हम निदेशक से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री जी से ही मुलाकात करेंगे।लेकिन प्रशासन के द्वारा बार बार अनुरोध करने पर इस शर्त पर कि हम इस मुलाकात से धरने को समाप्त नहीं करेंगे,प्रतिनिधि मण्डल जिसमें-प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ल,मैं भोला नाथ पाण्डेय, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रियंक मिश्रा और प्रदेश सचिव विशाल श्रीवास्तव, मुलाकात के लिए राज्य परियोजना निदेशालय गये।
*जैसा कि पहले से अनुमान था हमारी मांगो को सुनकर और उन पर माथा पच्ची करने के बाद निदेशक महोदय ने कहा कि यह मांग उनके स्तर की नहीं हैं बल्कि शासन स्तर की हैं और इन पर कोई भी निर्णय शासन स्तर पर ही लिया जा सकता है।*
*निदेशक महोदय और प्रशासन के अधिकारी कहने लगे कि धरना समाप्त कर लीजिए आप लोगों की मुलाकात शासन स्तर पर करा दिया जायेगा। लेकिन संगठन इस पर राजी नहीं हुआ और अपनी मांग और चेतावनी पर अडिग रहते हुए आमरण अनशन पर बैठने लगा।प्रशासन के द्वारा दो दिन का समय मांगा गया और उन दो दिनों तक आमरण अनशन न करने का आग्रह किया गया,इस पर चार लोग-प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ल, मैं भोला नाथ पाण्डेय, सुशील पाण्डेय (बुंदेलखंड जोन प्रभारी)और सर्वेश द्विवेदी(जिला महामंत्री जौनपुर) भूख हडताल पर बैठ गये।साथ ही यह चेतावनी भी दे दिया गया कि अगर दो दिनों में हमारी मुलाकात नहीं कराई जाती है तो रविवार से यह भूख हड़ताल आमरण अनशन मे बदल जायेगा।*
साथियों हम केवल संख्या बल के कारण ही कमजोर हो रहे हैं नहीं तो शासन और प्रशासन के उपर पर्याप्त रूप में दबाव बना चुके हैं।अब आप लोग किस मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं।आगामी 6 दिसंबर को आत्मदाह की खुली चेतावनी दे दिया गया है तो क्या उसी दिन का इंतजार आप लोग कर रहे हैं कि इनके जलने के बाद मातम मनाने के लिए पंहुचा जायेगा।निकलिए अपने घरों से नहीं तो अनुदेशकों का इतिहास कभी आपको माफ नहीं करेगा।
*अब घरों में मत बैठिए,कर्मभूमि आपको पुकार रही है......*
आपके संघर्षों का साथी
*भोला नाथ पाण्डेय*
*प्रदेश महासचिव*
*9936451852(W)*
*उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उ०प्र०*
Thursday, December 1, 2016
संगठन ने सामूहिक आत्मदाह की खुली चेतावनी दे दिया है
Breaking News सरकार को लगा एक और बड़ा झटका
हा० कोर्ट ऑडर से प्रभावित पक्ष की आवाज👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻जानिए क्या है 15वां और 16वां संसोधन और आज हाईकोर्ट के निर्णय से कौन कौन सी शिक्षक भर्तियां होंगी प्रभावित
प्रदेशभर के परिषदीय स्कूलों में 79 हजार शिक्षकों की भर्ती अधर में फंसती नजर आ रही है। अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 15वां
संशोधन हाईकोर्ट से निरस्त होने के कारण सपा सरकार में एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की सांस अटकी हुई थी।
यूपी में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई-09) लागू होने के बाद बसपा सरकार ने नियमावली में संशोधन करते हुए टीईटी मेरिट के आधार पर नवम्बर 2011 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू की।
लेकिन सपा सरकार ने टीईटी में गड़बड़ी को आधार बनाते हुए टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड पर दिसम्बर 2012 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया नए सिरे से शुरू कर दी। हालांकि हाईकोर्ट ने नवम्बर 2013 में संशोधन को निरस्त करते हुए टीईटी मेरिट पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती के आदेश दिए।
हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी टीईटी मेरिट के आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का अंतरिम आदेश कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 58 हजार से प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर की जा चुकी है।
जबकि पिछले चार साल में 15वें संशोधन को आधार मानते हुए ही एकेडमिक मेरिट पर लगभग 80 हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं की नियुक्ति हो चुकी है। पिछले महीने दो नवम्बर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 15वें संशोधन पर सवाल उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या शिक्षक भर्ती के लिए जारी एनसीटीई की गाइडलाइन मनमानी है। यह भी सवाल उठा है कि क्या चयन का आधार सिर्फ टीईटी मेरिट हो सकती है और क्या हाईकोर्ट द्वारा 15वां संशोधन निरस्त किया जाना उचित है। इन सवालों ने पिछले चार साल में एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की बेचैनी बढ़ा दी है।
क्योंकि यदि 15वां संशोधन सुप्रीम कोर्ट में भी निरस्त हो जाता है तो उनकी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो जाएगा। वहीं टीईटी मेरिट निरस्त होने पर 72,825 प्रक्रिया में चयनितों की नौकरी जाने का खतरा भी रहेगा। इन सवालों को केन्द्र में रखते हुए पूरे प्रकरण की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 7 व 8 दिसम्बर को प्रस्तावित है।
एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर हुई नियुक्तियां
- 9770 अध्यापक प्राइमरी में: 8 अक्तूबर 2012 को शुरू हुई
- 10,800 अध्यापक प्राइमरी में: 26 अप्रैल 2013 को शुरू हुई
- 29,334 अध्यापक जूनियर हाईस्कूल में: 11 जुलाई 2013 को शुरू
- 4,280 उर्दू अध्यापक प्राइमरी में: 17 अगस्त 2013 को शुरू हुई
- 10,000 अध्यापक प्राइमरी में: 15 अक्तूबर 2013 को शुरू हुई
- 15,000 अध्यापक प्राइमरी में: 9 दिसम्बर 2014 को शुरू हुई
15वां संशोधन बीटीसी प्रशिक्षित टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए किया गया था। जबकि 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने के लिए 16वां संशोधन किया गया। 15वां संशोधन निरस्त होने से रेगुलर बीटीसी अभ्यर्थियों का हित प्रभावित हो रहा है।
प्रभाकर सिंह, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित बीटीसी संघर्ष समिति
और आज की शिक्षा विभाग की बड़ी खबर
72825 के बाद अकादमिक से हुयी सभी भर्तियां...10000,29000,15000,3500उर्दू,16448 माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की बेंच से असंवैधानिक घोषित या दूसरे शब्दों में रद्द ।। मतलब 15वां और 16 वां संसोधन किया रद्द।
अभी पूरा आदेश नहीं आया है।।।
पूरा आदेश शाम तक अपलोड होगा।।
अब शाम को ही पता चल पाएगा कि हम लोगों को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटना है या सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले के अंतिम निर्णय तक बने रहना है।।।
सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी के लिए तैयार रहें।।
प्रदेशभर के परिषदीय स्कूलों में 79 हजार शिक्षकों की भर्ती अधर में फंसती नजर आ रही है। अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 15वां
संशोधन हाईकोर्ट से निरस्त होने के कारण सपा सरकार में एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की सांस अटकी हुई थी।
यूपी में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई-09) लागू होने के बाद बसपा सरकार ने नियमावली में संशोधन करते हुए टीईटी मेरिट के आधार पर नवम्बर 2011 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू की।
लेकिन सपा सरकार ने टीईटी में गड़बड़ी को आधार बनाते हुए टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड पर दिसम्बर 2012 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया नए सिरे से शुरू कर दी। हालांकि हाईकोर्ट ने नवम्बर 2013 में संशोधन को निरस्त करते हुए टीईटी मेरिट पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती के आदेश दिए।
हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी टीईटी मेरिट के आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का अंतरिम आदेश कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 58 हजार से प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर की जा चुकी है।
जबकि पिछले चार साल में 15वें संशोधन को आधार मानते हुए ही एकेडमिक मेरिट पर लगभग 80 हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं की नियुक्ति हो चुकी है। पिछले महीने दो नवम्बर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 15वें संशोधन पर सवाल उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या शिक्षक भर्ती के लिए जारी एनसीटीई की गाइडलाइन मनमानी है। यह भी सवाल उठा है कि क्या चयन का आधार सिर्फ टीईटी मेरिट हो सकती है और क्या हाईकोर्ट द्वारा 15वां संशोधन निरस्त किया जाना उचित है। इन सवालों ने पिछले चार साल में एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की बेचैनी बढ़ा दी है।
क्योंकि यदि 15वां संशोधन सुप्रीम कोर्ट में भी निरस्त हो जाता है तो उनकी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो जाएगा। वहीं टीईटी मेरिट निरस्त होने पर 72,825 प्रक्रिया में चयनितों की नौकरी जाने का खतरा भी रहेगा। इन सवालों को केन्द्र में रखते हुए पूरे प्रकरण की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 7 व 8 दिसम्बर को प्रस्तावित है।
एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर हुई नियुक्तियां
- 9770 अध्यापक प्राइमरी में: 8 अक्तूबर 2012 को शुरू हुई
- 10,800 अध्यापक प्राइमरी में: 26 अप्रैल 2013 को शुरू हुई
- 29,334 अध्यापक जूनियर हाईस्कूल में: 11 जुलाई 2013 को शुरू
- 4,280 उर्दू अध्यापक प्राइमरी में: 17 अगस्त 2013 को शुरू हुई
- 10,000 अध्यापक प्राइमरी में: 15 अक्तूबर 2013 को शुरू हुई
- 15,000 अध्यापक प्राइमरी में: 9 दिसम्बर 2014 को शुरू हुई
15वां संशोधन बीटीसी प्रशिक्षित टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए किया गया था। जबकि 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने के लिए 16वां संशोधन किया गया। 15वां संशोधन निरस्त होने से रेगुलर बीटीसी अभ्यर्थियों का हित प्रभावित हो रहा है।
प्रभाकर सिंह, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित बीटीसी संघर्ष समिति
और आज की शिक्षा विभाग की बड़ी खबर
72825 के बाद अकादमिक से हुयी सभी भर्तियां...10000,29000,15000,3500उर्दू,16448 माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की बेंच से असंवैधानिक घोषित या दूसरे शब्दों में रद्द ।। मतलब 15वां और 16 वां संसोधन किया रद्द।
अभी पूरा आदेश नहीं आया है।।।
पूरा आदेश शाम तक अपलोड होगा।।
अब शाम को ही पता चल पाएगा कि हम लोगों को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटना है या सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले के अंतिम निर्णय तक बने रहना है।।।
सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी के लिए तैयार रहें।।
हा० कोर्ट ऑरड से प्रभावित पक्ष की आवाज👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻जानिए क्या है 15वां और 16वां संसोधन और आज हाईकोर्ट के निर्णय से कौन कौन सी शिक्षक भर्तियां होंगी प्रभावित
हा० कोर्ट ऑडर से प्रभावित पक्ष की आवाज👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻जानिए क्या है 15वां और 16वां संसोधन और आज हाईकोर्ट के निर्णय से कौन कौन सी शिक्षक भर्तियां होंगी प्रभावित
प्रदेशभर के परिषदीय स्कूलों में 79 हजार शिक्षकों की भर्ती अधर में फंसती नजर आ रही है। अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 15वां
संशोधन हाईकोर्ट से निरस्त होने के कारण सपा सरकार में एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की सांस अटकी हुई थी।
यूपी में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई-09) लागू होने के बाद बसपा सरकार ने नियमावली में संशोधन करते हुए टीईटी मेरिट के आधार पर नवम्बर 2011 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू की।
लेकिन सपा सरकार ने टीईटी में गड़बड़ी को आधार बनाते हुए टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड पर दिसम्बर 2012 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया नए सिरे से शुरू कर दी। हालांकि हाईकोर्ट ने नवम्बर 2013 में संशोधन को निरस्त करते हुए टीईटी मेरिट पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती के आदेश दिए।
हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी टीईटी मेरिट के आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का अंतरिम आदेश कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 58 हजार से प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर की जा चुकी है।
जबकि पिछले चार साल में 15वें संशोधन को आधार मानते हुए ही एकेडमिक मेरिट पर लगभग 80 हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं की नियुक्ति हो चुकी है। पिछले महीने दो नवम्बर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 15वें संशोधन पर सवाल उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या शिक्षक भर्ती के लिए जारी एनसीटीई की गाइडलाइन मनमानी है। यह भी सवाल उठा है कि क्या चयन का आधार सिर्फ टीईटी मेरिट हो सकती है और क्या हाईकोर्ट द्वारा 15वां संशोधन निरस्त किया जाना उचित है। इन सवालों ने पिछले चार साल में एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की बेचैनी बढ़ा दी है।
क्योंकि यदि 15वां संशोधन सुप्रीम कोर्ट में भी निरस्त हो जाता है तो उनकी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो जाएगा। वहीं टीईटी मेरिट निरस्त होने पर 72,825 प्रक्रिया में चयनितों की नौकरी जाने का खतरा भी रहेगा। इन सवालों को केन्द्र में रखते हुए पूरे प्रकरण की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 7 व 8 दिसम्बर को प्रस्तावित है।
एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर हुई नियुक्तियां
- 9770 अध्यापक प्राइमरी में: 8 अक्तूबर 2012 को शुरू हुई
- 10,800 अध्यापक प्राइमरी में: 26 अप्रैल 2013 को शुरू हुई
- 29,334 अध्यापक जूनियर हाईस्कूल में: 11 जुलाई 2013 को शुरू
- 4,280 उर्दू अध्यापक प्राइमरी में: 17 अगस्त 2013 को शुरू हुई
- 10,000 अध्यापक प्राइमरी में: 15 अक्तूबर 2013 को शुरू हुई
- 15,000 अध्यापक प्राइमरी में: 9 दिसम्बर 2014 को शुरू हुई
15वां संशोधन बीटीसी प्रशिक्षित टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए किया गया था। जबकि 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने के लिए 16वां संशोधन किया गया। 15वां संशोधन निरस्त होने से रेगुलर बीटीसी अभ्यर्थियों का हित प्रभावित हो रहा है।
प्रभाकर सिंह, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित बीटीसी संघर्ष समिति
और आज की शिक्षा विभाग की बड़ी खबर
72825 के बाद अकादमिक से हुयी सभी भर्तियां...10000,29000,15000,3500उर्दू,16448 माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की बेंच से असंवैधानिक घोषित या दूसरे शब्दों में रद्द ।। मतलब 15वां और 16 वां संसोधन किया रद्द।
अभी पूरा आदेश नहीं आया है।।।
पूरा आदेश शाम तक अपलोड होगा।।
अब शाम को ही पता चल पाएगा कि हम लोगों को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटना है या सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले के अंतिम निर्णय तक बने रहना है।।।
सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी के लिए तैयार रहें।।
प्रदेशभर के परिषदीय स्कूलों में 79 हजार शिक्षकों की भर्ती अधर में फंसती नजर आ रही है। अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 15वां
संशोधन हाईकोर्ट से निरस्त होने के कारण सपा सरकार में एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की सांस अटकी हुई थी।
यूपी में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई-09) लागू होने के बाद बसपा सरकार ने नियमावली में संशोधन करते हुए टीईटी मेरिट के आधार पर नवम्बर 2011 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू की।
लेकिन सपा सरकार ने टीईटी में गड़बड़ी को आधार बनाते हुए टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड पर दिसम्बर 2012 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया नए सिरे से शुरू कर दी। हालांकि हाईकोर्ट ने नवम्बर 2013 में संशोधन को निरस्त करते हुए टीईटी मेरिट पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती के आदेश दिए।
हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी टीईटी मेरिट के आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का अंतरिम आदेश कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 58 हजार से प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर की जा चुकी है।
जबकि पिछले चार साल में 15वें संशोधन को आधार मानते हुए ही एकेडमिक मेरिट पर लगभग 80 हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं की नियुक्ति हो चुकी है। पिछले महीने दो नवम्बर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 15वें संशोधन पर सवाल उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या शिक्षक भर्ती के लिए जारी एनसीटीई की गाइडलाइन मनमानी है। यह भी सवाल उठा है कि क्या चयन का आधार सिर्फ टीईटी मेरिट हो सकती है और क्या हाईकोर्ट द्वारा 15वां संशोधन निरस्त किया जाना उचित है। इन सवालों ने पिछले चार साल में एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की बेचैनी बढ़ा दी है।
क्योंकि यदि 15वां संशोधन सुप्रीम कोर्ट में भी निरस्त हो जाता है तो उनकी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो जाएगा। वहीं टीईटी मेरिट निरस्त होने पर 72,825 प्रक्रिया में चयनितों की नौकरी जाने का खतरा भी रहेगा। इन सवालों को केन्द्र में रखते हुए पूरे प्रकरण की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 7 व 8 दिसम्बर को प्रस्तावित है।
एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर हुई नियुक्तियां
- 9770 अध्यापक प्राइमरी में: 8 अक्तूबर 2012 को शुरू हुई
- 10,800 अध्यापक प्राइमरी में: 26 अप्रैल 2013 को शुरू हुई
- 29,334 अध्यापक जूनियर हाईस्कूल में: 11 जुलाई 2013 को शुरू
- 4,280 उर्दू अध्यापक प्राइमरी में: 17 अगस्त 2013 को शुरू हुई
- 10,000 अध्यापक प्राइमरी में: 15 अक्तूबर 2013 को शुरू हुई
- 15,000 अध्यापक प्राइमरी में: 9 दिसम्बर 2014 को शुरू हुई
15वां संशोधन बीटीसी प्रशिक्षित टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए किया गया था। जबकि 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने के लिए 16वां संशोधन किया गया। 15वां संशोधन निरस्त होने से रेगुलर बीटीसी अभ्यर्थियों का हित प्रभावित हो रहा है।
प्रभाकर सिंह, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित बीटीसी संघर्ष समिति
और आज की शिक्षा विभाग की बड़ी खबर
72825 के बाद अकादमिक से हुयी सभी भर्तियां...10000,29000,15000,3500उर्दू,16448 माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की बेंच से असंवैधानिक घोषित या दूसरे शब्दों में रद्द ।। मतलब 15वां और 16 वां संसोधन किया रद्द।
अभी पूरा आदेश नहीं आया है।।।
पूरा आदेश शाम तक अपलोड होगा।।
अब शाम को ही पता चल पाएगा कि हम लोगों को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटना है या सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले के अंतिम निर्णय तक बने रहना है।।।
सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी के लिए तैयार रहें।।
खबर आ रही है कि हाईकोर्ट के चीफ डी बी भोसले ने पन्द्रहवा व सोलहवाॅ संशोधन रद्द माना है,,
खबर आ रही है कि हाईकोर्ट के चीफ डी बी भोसले ने पन्द्रहवा व सोलहवाॅ संशोधन रद्द माना है,,
मतलब एक ओर फुल टेट पर हुई भर्तियाॅ है दूसरी ओर फुल ऐकेडमिक और तीसरे ओर बिना टेट के हुई शिक्षामित्र समायोजित भर्ती सभी सुप्रीम कोर्ट मे,,
दीपक मिश्रा जी का भी दिमाग का दही होना तय है,,
मजा लीजिए सर्विस के इतिहास के इस सर्वाधिक जटिलतम केश का ,,,,
मतलब एक ओर फुल टेट पर हुई भर्तियाॅ है दूसरी ओर फुल ऐकेडमिक और तीसरे ओर बिना टेट के हुई शिक्षामित्र समायोजित भर्ती सभी सुप्रीम कोर्ट मे,,
दीपक मिश्रा जी का भी दिमाग का दही होना तय है,,
मजा लीजिए सर्विस के इतिहास के इस सर्वाधिक जटिलतम केश का ,,,,
उच्च_न्यायालय_का_आज_जूनियर_भर्ती_29334_का_आदेश
"पूर्व की भांति 15th और 16th संसोधन #उच्च_न्यायालय द्वारा #रदद। व् अब तक भरी गयी अयोग्य लोगो से #गुणाक_भर्तियां #जूनियर_29000,#बीटीसी15000#बीटीसी16000 तथा सभी #उर्दू_शिक्षक भर्तियां #सपा_सरकार की मूर्खता के कारण #रद्द होने की कगार पर।"
तथा न्यायालय द्वारा एस अल पी एलाउ कहा गया है।जिसका मतलब इसमे मित्र एस. के .पाठक की वो एस. एल.पी.भी हैं ज़िसमे सरकारी कर्मचारी और विधायक और सांसदो के बच्चे भी #प्राथमिक_विद्यालयों मे न्यायालय ने पढ़ाने का आदेश दिया था।
अब,कौन सी #SLP_ALLOWED हुई हैं। ये ऑर्डर देखने के बाद ही पता चलेगा। ऑर्डर लगभग २० पेज में है। जो की विश्लेष के बाद पूरी बात का पता चलेगा। एक बार आज फिर ये तय हो गया। "#सत्य परेशान हो सकता है,पराजित नहीं।"
#सपा_सरकार की आज सीजे बेच से एक और बड़ी हार हुयी। सपा सरकार ने लगभग #एक_लाख_परिवारो_व्_बच्चो का जीवन #बर्बाद कर दिया। केवल जाति विशेष को नोकरी देने के लिए।"
#टेट_सेना के मित्रो को अब तक किये गए संघर्ष के लिए तथा इस #विजय पर #हार्दिक_शुभकामनाय।"
तथा न्यायालय द्वारा एस अल पी एलाउ कहा गया है।जिसका मतलब इसमे मित्र एस. के .पाठक की वो एस. एल.पी.भी हैं ज़िसमे सरकारी कर्मचारी और विधायक और सांसदो के बच्चे भी #प्राथमिक_विद्यालयों मे न्यायालय ने पढ़ाने का आदेश दिया था।
अब,कौन सी #SLP_ALLOWED हुई हैं। ये ऑर्डर देखने के बाद ही पता चलेगा। ऑर्डर लगभग २० पेज में है। जो की विश्लेष के बाद पूरी बात का पता चलेगा। एक बार आज फिर ये तय हो गया। "#सत्य परेशान हो सकता है,पराजित नहीं।"
#सपा_सरकार की आज सीजे बेच से एक और बड़ी हार हुयी। सपा सरकार ने लगभग #एक_लाख_परिवारो_व्_बच्चो का जीवन #बर्बाद कर दिया। केवल जाति विशेष को नोकरी देने के लिए।"
#टेट_सेना के मित्रो को अब तक किये गए संघर्ष के लिए तथा इस #विजय पर #हार्दिक_शुभकामनाय।"
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