Sunday, September 18, 2016

शैक्षणिक समय में शिक्षकों की बी0एल0ओ0 के रूप में ड्यूटी कदापि न लगायी जाएँ: भारत निर्वाचन आयोग (ECI ) के आदेश।।

शैक्षणिक समय में शिक्षकों की बी0एल0ओ0 के रूप में ड्यूटी कदापि न लगायी जाएँ: भारत निर्वाचन आयोग (ECI ) के आदेश।।

मा0 सर्वोच्च न्यायालय ...एवं उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के क्रम में उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा 
कहा गया है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी छुट्टियों में लगाई जायें या विद्यालय समय के बाद उनसे ऐसे कार्य लिए जायें।
शिक्षणेत्तर कार्मिकों के लिए ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है, उनसे ये कार्य कभी भी करवाये जा सकते हैं....।।

अपने जवाब से मुकर रहा है चयन बोर्ड, टीजीटी 2013 भर्ती का मामला

अपने जवाब से मुकर रहा है चयन बोर्ड, टीजीटी 2013 भर्ती का मामला

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी 2013 शारीरिक शिक्षा की लिखित परीक्षा में गलत जवाबों का प्रकरण थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। चयन बोर्ड उन प्रश्नों को लेकर घिर गया है जिनका 
जवाब पहले कुछ बताया गया था व अब उससे इतर बताया जा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि भले ही उनका व साथियों का चयन हो या न हो, लेकिन कम से कम प्रश्नों के जवाब तो सही होने ही चाहिए। अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम में संशोधन करने की मांग कर रहे हैं। टीजीटी शारीरिक शिक्षा की परीक्षा 25 जनवरी 2015 को हुई उसका परिणाम इसी माह जारी हुआ है। रिजल्ट आने के बाद से गलत जवाब को लेकर हंगामा मचा है। पहले फिजिकल एजूकेशन की ‘बी’ सीरीज के गलत जवाब को लेकर तमाम आपत्तियां चयन बोर्ड पहुंची, लेकिन अब ‘डी’ सीरीज में भी दर्जनों ऐसे सवाल पूछे गए जिनके जवाब गलत बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इससे परीक्षा परिणाम पूरी तरह से संदिग्ध हो गया है, क्योंकि गलत जवाब देने वाले ही चयनित हो गए हैं। युवाओं ने प्रश्न संख्या 4, 5, 13, 17, 18, 21, 26, 59, 69, 111, 117 के जवाब को गलत बताया है और उस संबंध में अनेकों साक्ष्य भी दिए हैं। खास बात यह है कि चयन बोर्ड ने इन प्रश्नों में से कई सवाल पिछले वर्षो की परीक्षा में पूछे थे और उनके जवाब पहले कुछ दिए और अब दूसरे जवाब को सही बताया गया है। युवाओं ने चयन बोर्ड अध्यक्ष को साक्ष्य के साथ आपत्तियां दी है और उनका दोबारा मूल्यांकन कराने का अनुरोध किया है। युवाओं का कहना है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञ सवालों की विश्वसनीयता परखे। यदि अनदेखी हुई तो यह प्रकरण हाईकोर्ट तक जाएगा। वहीं चयन बोर्ड अध्यक्ष ने जल्द ही इसका निस्तारण करने का वादा किया है।

शिक्षक भर्ती में नहीं मिलेंगे फर्जी अभ्यर्थी, शिक्षक भर्ती में होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने की तैयारी

शिक्षक भर्ती में नहीं मिलेंगे फर्जी अभ्यर्थी, शिक्षक भर्ती में होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने की तैयारी

शिक्षक भर्ती में होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने की तैयारी है। बीटीसी 2015 में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थी के
शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन हर हाल में होगा। सभी अंकपत्र व प्रमाणपत्रों की जांच प्रवेश लेने के बाद एक माह के अंदर पूरी करानी होगी, जो संस्थान इसमें आनाकानी करेंगे उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने आदेश जारी कर दिया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पिछले वर्षो में हुई भर्तियों में कई शिक्षक फर्जी मिले हैं। सूबे के हरदोई आदि कई जिलों में अभिलेखों के सत्यापन में गड़बड़ी पकड़ी गई। ऐसे शिक्षक बर्खास्त और उन पर एफआइआर भी हुई है। इसमें विभागीय अफसरों की कार्यशैली के साथ ही महकमे की भी किरकिरी हुई। इसे रोकने के लिए अब बीटीसी में दाखिले के साथ ही अभिलेखों का सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इस संबंध में पिछले वर्षो में भी निर्देश दिए गए, लेकिन अफसरों ने हीलाहवाली करके सत्यापन नहीं कराया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नीना श्रीवास्तव ने सभी डायट प्राचार्यो को कड़ा पत्र भेजा है कि प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही सत्यापन भी उसी तेजी के साथ कराए। हर हाल में एक माह के अंदर सभी सत्यापन करा लिए जाएं और जो अभ्यर्थी फर्जी मिले उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई हो।

स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को अभिभावकों को प्रोत्साहित करेंगे शिक्षक, शासन ने उपस्थिति अभियान चलाने के दिए निर्देश, पाक्षिक रिपोर्ट भी भेजी जाएगी

स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को अभिभावकों को प्रोत्साहित करेंगे शिक्षक, शासन ने उपस्थिति अभियान चलाने के दिए निर्देश, पाक्षिक रिपोर्ट भी भेजी जाएगी

स्कूलों में छात्रों की शत प्रतिशत हाजिरी के लिए शिक्षा विभाग अब ‘उपस्थिति अभियान’ चलाएगा। इस 
अभियान की पाक्षिक रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाएगी। दरअसल, बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए शासन ने यह योजना बनाई है। बच्चे स्कूल क्यों नहीं आते हैं, शिक्षक संबंधित बच्चों के अभिभावकों से मुलाकात कर स्कूल नहीं आने के कारणों का पता लगाएंगे। साथ ही बच्चों को समय से स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को प्रोत्साहित करेंगे।
दरअसल, शासन को प्रदेश के विभिन्न जिलों से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने की रिपोर्ट मिल रही है। ऐसे में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए शासन ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उपस्थिति अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि स्कूलों में मिड डे मील, मुफ्त किताबें, फल और यूनीफार्म वितरण समेत कई सुविधाएं देने के बाद भी बच्चों की संख्या अपेक्षा के मुताबिक नहीं बढ़ पा रही है। जो अफसरों के लिए भी सिरदर्द बना है। बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव ने बताया कि जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला कराया है और उनके बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। उन बच्चों के अभिभावकों को संबंधित स्कूल के शिक्षक घर जाकर उन्हें प्रोत्साहित करेंगे कि वह अपने बच्चे को प्रतिदिन स्कूल भेजें। बताया कि इस अभियान के बावजूद जिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम पाई जाएगी, वहां के प्रधानाध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शासन ने उपस्थिति अभियान चलाने के दिए निर्देश, पाक्षिक रिपोर्ट भी भेजी जाएगी

हजार मानदेय की मांग पर अड़े शिक्षक सरकार के खिलाफ बिगुल फूकेंगे वित्तविहीन शिक्षक

हजार मानदेय की मांग पर अड़े शिक्षक सरकार के खिलाफ बिगुल फूकेंगे वित्तविहीन शिक्षक 

प्रदेश सरकार मानदेय के नाम पर वित्तविहीन शिक्षकों को गुमराह कर रही है। मानदेय देने के लिए 200 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया था, लेकिन ये बजट प्रदेश के सिर्फ 1.92 लाख शिक्षकों के लिए एक वर्ष तक के लिए ही पर्याप्त है। जबकि सूबे में वित्तविहीन शिक्षकों की संख्या 3.50 लाख है। ऐसे में जाहिर है कि सभी वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय नहीं मिल सकेगा। इसको लेकर अन्य शिक्षकों में सरकार के प्रति नाराजगी है। अगर सरकार और बजट का प्रावधान नहीं करती है तो वित्तविहीन शिक्षक उसके खिलाफ बिगुल फूकेंगे। ये बातें उप्र माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक समंवय संघ के इलाहाबाद - झांसी के प्रत्याशी त्रिवेणी प्रसाद त्रिपाठी ने शनिवार को कहीं। ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज सिविललाइंस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने मांग की कि सरकार वित्तविहीन शिक्षकों को पूर्ण शिक्षक का दर्जा दे। कहा कि सरकार ने जो मानदेय निर्धारित किया है उसके मुताबिक इंटर के लेक्चरर को हर माह 1100 और प्रधानाचार्य को 1350, हाईस्कूल के शिक्षक को 990 और प्रधानाचार्य को 1100 रुपये ही मिलेगा। जबकि सरकार से 18 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय की मांग की जा रही है। उन्होंने चेताया कि सरकार वित्तविहीन शिक्षकों की मांगों पर विचार नहीं करती है तो स्थिति भयावह होगी। मानदेय संबंधी शासनादेश की प्रतियां सामूहिक रूप से जलाई जाएंगी और सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराया जाएगा। आरोप लगाया कि माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के शिक्षक विधायक ने शिक्षक भवन पर कब्जा जमा रखा है। इसे मुक्त कराने के लिए वित्तविहीन शिक्षक संघर्ष करेंगे। इस मौके पर विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक चिंतामणि सिंह, हरिओम मिश्र, राजेंद्र श्रीवास्तव, उदयराज यादव, सुरेंद्र त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।618 हजार मानदेय की मांग पर अड़े शिक्षक

शासन ने उपस्थिति अभियान चलाने के दिए निर्देश, पाक्षिक रिपोर्ट भी भेजी जाएगी

शासन ने उपस्थिति अभियान चलाने के दिए निर्देश, पाक्षिक रिपोर्ट भी भेजी जाएगी

स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने को अभिभावकों को प्रोत्साहित करेंगे शिक्षक 

 स्कूलों में छात्रों की शत प्रतिशत हाजिरी के लिए शिक्षा विभाग अब ‘उपस्थिति अभियान’ चलाएगा। इस अभियान की पाक्षिक रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाएगी। दरअसल, बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए शासन ने यह योजना बनाई है। बच्चे स्कूल क्यों नहीं आते हैं, शिक्षक संबंधित बच्चों के अभिभावकों से मुलाकात कर स्कूल नहीं आने के कारणों का पता लगाएंगे। साथ ही बच्चों को समय से स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को प्रोत्साहित करेंगे। 1दरअसल, शासन को प्रदेश के विभिन्न जिलों से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने की रिपोर्ट मिल रही है। ऐसे में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए शासन ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उपस्थिति अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि स्कूलों में मिड डे मील, मुफ्त किताबें, फल और यूनीफार्म वितरण समेत कई सुविधाएं देने के बाद भी बच्चों की संख्या अपेक्षा के मुताबिक नहीं बढ़ पा रही है। जो अफसरों के लिए भी सिरदर्द बना है। बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव ने बताया कि जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला कराया है और उनके बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। उन बच्चों के अभिभावकों को संबंधित स्कूल के शिक्षक घर जाकर उन्हें प्रोत्साहित करेंगे कि वह अपने बच्चे को प्रतिदिन स्कूल भेजें। बताया कि इस अभियान के बावजूद जिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम पाई जाएगी, वहां के प्रधानाध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।6शासन ने उपस्थिति अभियान चलाने के दिए निर्देश, पाक्षिक रिपोर्ट भी भेजी जाएगी

अपने जवाब से मुकर रहा है चयन बोर्ड

अपने जवाब से मुकर रहा है चयन बोर्ड

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी 2013 शारीरिक शिक्षा की लिखित परीक्षा में गलत जवाबों का प्रकरण थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। चयन बोर्ड उन प्रश्नों को लेकर घिर गया है जिनका जवाब पहले कुछ बताया गया था व अब उससे इतर बताया जा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि भले ही उनका व साथियों का चयन हो या न हो, लेकिन कम से कम प्रश्नों के जवाब तो सही होने ही चाहिए। अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम में संशोधन करने की मांग कर रहे हैं। टीजीटी शारीरिक शिक्षा की परीक्षा 25 जनवरी 2015 को हुई उसका परिणाम इसी माह जारी हुआ है। रिजल्ट आने के बाद से गलत जवाब को लेकर हंगामा मचा है। पहले फिजिकल एजूकेशन की ‘बी’ सीरीज के गलत जवाब को लेकर तमाम आपत्तियां चयन बोर्ड पहुंची, लेकिन अब ‘डी’ सीरीज में भी दर्जनों ऐसे सवाल पूछे गए जिनके जवाब गलत बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इससे परीक्षा परिणाम पूरी तरह से संदिग्ध हो गया है, क्योंकि गलत जवाब देने वाले ही चयनित हो गए हैं। युवाओं ने प्रश्न संख्या 4, 5, 13, 17, 18, 21, 26, 59, 69, 111, 117 के जवाब को गलत बताया है और उस संबंध में अनेकों साक्ष्य भी दिए हैं। खास बात यह है कि चयन बोर्ड ने इन प्रश्नों में से कई सवाल पिछले वर्षो की परीक्षा में पूछे थे और उनके जवाब पहले कुछ दिए और अब दूसरे जवाब को सही बताया गया है। युवाओं ने चयन बोर्ड अध्यक्ष को साक्ष्य के साथ आपत्तियां दी है और उनका दोबारा मूल्यांकन कराने का अनुरोध किया है। युवाओं का कहना है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञ सवालों की विश्वसनीयता परखे। यदि अनदेखी हुई तो यह प्रकरण हाईकोर्ट तक जाएगा। वहीं चयन बोर्ड अध्यक्ष ने जल्द ही इसका निस्तारण करने का वादा किया है।